मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की समस्या, 50% अतिथि शिक्षक रह सकते हैं बेरोजगार
भोपाल: MP GFMS Portal में सरकारी स्कूलों में इस साल शिक्षा व्यवस्था पर एक नई चुनौती सामने आ रही है। राज्य भर के सरकारी स्कूलों में लगभग 35,000 अतिशेष शिक्षकों की सूची सामने आई है, जिसके कारण वर्तमान शैक्षणिक सत्र में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति असंभव हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, प्रदेश के करीब 70,000 अतिथि शिक्षकों में से 50 प्रतिशत इस सत्र में बेरोजगार हो सकते हैं।
MP GFMS Portal fail मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों में इस वर्ष अतिशेष शिक्षकों की समस्या के कारण शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया के लंबित होने के कारण प्रदेश के हजारों शिक्षक और लाखों छात्र प्रभावित हो रहे हैं। इस स्थिति में शिक्षा विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती है कि वह कैसे इस समस्या का समाधान करे और शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखे।
तिमाही परीक्षाओं पर भी पड़ा असर
स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की तिमाही परीक्षाएं सितंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू होने वाली हैं। लेकिन, शिक्षकों को उच्च पद का प्रभार देने और अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग के चलते पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विभाग द्वारा स्कूलों में रिक्त हजारों पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया अब तक अधूरी है, जिसके चलते छात्र भी प्रभावित हो रहे हैं।
अतिरिक्त शिक्षकों की काउंसलिंग के चलते देरी
अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जुलाई से चल रही थी, लेकिन अब तक छह बार इसकी तिथियां बढ़ाई जा चुकी हैं। अगस्त से अतिथि शिक्षकों को स्कूलों में पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया जाना था, लेकिन इस बीच अतिशेष शिक्षकों की सूची के आने से इस प्रक्रिया पर रोक लग गई। विभाग पहले अतिशेष शिक्षकों को रिक्त पदों पर स्थानांतरित कर रहा है, इसके बाद ही अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
बोर्ड परीक्षाओं पर असर
इस साल 10वीं और 12वीं कक्षाओं के बोर्ड परिणामों में कमी आई थी, जिसका प्रमुख कारण शिक्षकों की कमी को माना जा रहा है। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि जिन अतिथि शिक्षकों के परिणाम 30 प्रतिशत से नीचे आए हैं, उन्हें दोबारा नियुक्त नहीं किया जाएगा। इस निर्णय से पहले ही 13,000 अतिथि शिक्षकों की नौकरी जा चुकी है।
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
शिक्षा विभाग के अनुसार, पहले अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग की जाएगी और उन्हें रिक्त पदों पर नियुक्त किया जाएगा। इसके बाद ही रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित किया जाएगा।
संभावित विरोध
अतिथि शिक्षक इस स्थिति से नाराज हैं और उन्होंने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राजधानी भोपाल में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए ताकि वे बेरोजगारी से बच सकें और छात्रों की पढ़ाई भी सुचारू रूप से चल सके।